Thursday, May 24, 2012

Tumhara Ehsaas

तनहा अकेली रातों मे.. 
टूटे दिल और भीगी आँखों मे.. 
धडकनों मे छुपी हर बातों मे.. 
सर्दियों की उन  लम्बी रातों मे.. 
ढलते सूरज को देखती निगाहों मे.. 
उन  गली , गलियारों मे.. 
टेहेलते हुए उन सूनी राहों मे.. 
प्यार भरी उन  बाहों मे.. 
रात  के सपने और दिन के ख़यालों मे.. 
बस तुम हो.. 
तुम ही तो हो जवाबों मे.. 
हर जवाब से जुड़े सवालों मे.. 
कभी नज़दीक तो कभी फासलों मे.. 
मेरी रूह मे , मेरी साँसों में..
मेरे दिल मे और मेरी पनाहों में .. 
बस तुम हो... बस तुम...

~Saurav Goyal

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