बारिश की वह बूँदें भी क्या खुशनसीब होगी ,
तेरी ज़ुल्फों मे उलझ कर जो आज खोयी होगी ,
बालों को ना झटकाना अब ,
मोतियों की कीमत भी इनसे कम होगी ..
तेरे चेहरे पर भी बूँदें बरसी होगी ,
बलखा कर गालों से उतरी होगी ,
जलता हूँ यह सोच कर मैं ,
तेरे होठों को चूम कर कितना इतरी होगी ..
वह बूँदें जो तेरे हाथ पर गिरी होगी ,
अपनेपन के एहसास मे कितना झूमी होगी ,
नाच नाच कर पहुची तेरी उँगलियों तक जब ,
साथ छूटने के गम मे कितना रोयी होगी ..
कुछ बूँदें तेरे काँधे पर भी गिरी होगी ,
कमर की ओर बढ़ते हुए तुझे गुद्गुदायी होगी ,
क्या याद मेरी आयी तुझे तब ?
रोम -रोम उस बूँद ने जब मचलायी होगी ..
~Saurav Goyal
तेरी ज़ुल्फों मे उलझ कर जो आज खोयी होगी ,
बालों को ना झटकाना अब ,
मोतियों की कीमत भी इनसे कम होगी ..
तेरे चेहरे पर भी बूँदें बरसी होगी ,
बलखा कर गालों से उतरी होगी ,
जलता हूँ यह सोच कर मैं ,
तेरे होठों को चूम कर कितना इतरी होगी ..
वह बूँदें जो तेरे हाथ पर गिरी होगी ,
अपनेपन के एहसास मे कितना झूमी होगी ,
नाच नाच कर पहुची तेरी उँगलियों तक जब ,
साथ छूटने के गम मे कितना रोयी होगी ..
कुछ बूँदें तेरे काँधे पर भी गिरी होगी ,
कमर की ओर बढ़ते हुए तुझे गुद्गुदायी होगी ,
क्या याद मेरी आयी तुझे तब ?
रोम -रोम उस बूँद ने जब मचलायी होगी ..
~Saurav Goyal