आओ बाल दिवस मनाये..
नन्हे हाथों से ढाबों पर चाय बनवाये,
छोटे बच्चों से घर के काम कराये,
पटाखों के कारखानो में बारूद पकड़ाए,
आओ बाल दिवस मनाये ।
क्यों ना एक नक्सलवादी बनाये,
खिलोनो के जगह इसे बन्दूक थमाए,
उसके दिमाग से सही-गलत का फर्क मिटाये,
आओ बाल दिवस मनाये ।
सड़कों पर इनसे भीख मंगवाए,
मिठाई के बदले तम्बाकू दिलाये,
एक चौरस्ते को इनका घर बनाये,
आओ बाल दिवस मनाये ।
मासूमियत का पूरा फायदा उठाये,
भीड़ वाले इलाकों में इन्हें छुआ जाये,
शोषण करके अपनी मर्दानगी दिखाए,
आओ बाल दिवस मनाये ।
क्यों ना किसी गरीब माँ बाप से इन्हें ख़रीदा जाये,
दूर कहीं विदेश में इन्हें बेचा जाये,
अपना ज़मीर और इनका भविष्य तबाह किया जाये,
आओ धूम धाम से आज बाल दिवस मनाया जाये।।
~सौरव गोयल